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खंडवा में तिरुपति जैसा दिव्य अनुभव, तैयार हो रही एशिया की सबसे बड़ी बालाजी भगवान की मूर्ति

June 4, 2025 Breaking News Digital Edition 2839 views
81 फीट की ऊंचाई तक भक्त लिफ्ट के जरिए पहुंच सकेंगे और अपने हाथों से भगवान को माला अर्पित कर सकेंगे. एक बटन दबाते ही जलाभिषेक होगा, जैसे आपने अपने हाथों से भगवान पर जल चढ़ाया हो.

खंडवा. मध्य प्रदेश के खंडवा जिले के छैगांव माखन में एक अद्भुत धार्मिक और आध्यात्मिक स्थल आकार ले रहा है. यहां बन रही है 81 फीट ऊंची भगवान बालाजी की भव्य प्रतिमा, जो न केवल भक्तों के लिए आस्था का केंद्र बनेगी बल्कि धार्मिक पर्यटन के क्षेत्र में भी क्रांतिकारी बदलाव लाएगी. यह मूर्ति एशिया में अपनी तरह की सबसे बड़ी मानी जा रही है. यहां भी भक्तों को तिरुपति बालाजी के दर्शन जैसा अनुभव होगा. इस विशालकाय प्रतिमा को केवल सजावट या स्टैच्यू की तरह नहीं बल्कि उसे पूरी धार्मिक प्रक्रिया और मंत्रोच्चार के साथ अभिमंत्रित किया जा रहा है.



तिरुपति बालाजी ट्रस्ट (TTD) स्वयं इस कार्य से इतने प्रभावित हुए कि पहली बार किसी गैर-सरकारी प्रोजेक्ट को अपनी ओर से मूर्ति प्रदान की. यह मूर्ति दक्षिण भारत के आचार्यों द्वारा मंत्रोच्चार के साथ स्थापित की जाएगी ताकि यहां भी वही दिव्य ऊर्जा प्रवाहित हो सके, जो तिरुपति में होती है. इस मंदिर में भक्तों को अनोखा अनुभव देने के लिए अत्याधुनिक सुविधाएं भी मिलेंगी. 81 फीट की ऊंचाई तक श्रद्धालु लिफ्ट के जरिए पहुंच सकेंगे और अपने हाथों से भगवान को माला चढ़ा सकेंगे. एक बटन दबाते ही जल अभिषेक होगा, जैसे आपने अपने हाथों से भगवान पर जल अर्पित किया हो. इतना ही नहीं, एक बटन से माला ऊपर जाएगी और भगवान के गले में स्वयं विराजमान हो जाएगी.



लड्डू प्रसाद की व्यवस्था



यहां लड्डू प्रसाद की व्यवस्था की जा रही है, ठीक वैसे ही जैसे तिरुपति में होती है. बाल दान की भी विशेष व्यवस्था होगी. भोजनशाला में दिनभर नि:शुल्क प्रसाद मिलने की भी प्लानिंग चल रही है. मंदिर का उद्देश्य है कि यहां आने वाले भक्तों को हर वो अनुभव हो, जो वे तिरुपति जाकर पाते हैं. इस भव्य परियोजना के पीछे जो सोच है, वो केवल आस्था तक सीमित नहीं है. इसका उद्देश्य स्थानीय क्षेत्र को धार्मिक पर्यटन का केंद्र बनाना है, जिससे 400 से 500 परिवारों को स्थायी रोजगार मिल सके. हाईवे किनारे स्थित यह स्थल रोजाना 5,000 से 10,000 श्रद्धालुओं की मेजबानी करने में सक्षम होगा.



पीएम मोदी करें उद्घाटन



इस प्रोजेक्ट की तारीफ एमपी के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से लेकर साधु-संतों तक ने की है. जूना अखाड़ा परिषद के सचिव हरि गिरी जी महाराज ने इसे ऐतिहासिक बताया है और उद्घाटन समारोह में शामिल होने का आश्वासन दिया है. मंदिर प्रशासन चाहता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस भव्य मूर्ति का उद्घाटन करें, जैसा उन्होंने उज्जैन के महाकाल लोक का किया था.



समर्पित टीम और समाज सेवा की भावना



इस पूरी परियोजना को ‘बालाजी ग्रुप’ अपने निजी संसाधनों से विकसित कर रहा है. अब तक लगभग 70-80 लाख रुपये की लागत आ चुकी है और आगे की लागत की कोई सीमा नहीं तय की गई है. संस्थापक रितेश गोयल के अनुसार, यहां जमा होने वाला धन पूरी तरह से उसी क्षेत्र के विकास और सेवा कार्यों में लगाया जाएगा. भविष्य में यहां नि:शुल्क अस्पताल, अन्न क्षेत्र और गुरुकुल जैसी सुविधाओं की भी योजना है.



सिर्फ मूर्ति नहीं एक महा अभियान



खंडवा का छैगांव माखन अब केवल एक गांव नहीं बल्कि एक आस्था और आध्यात्मिक ऊर्जा का केंद्र बनने जा रहा है. जो लोग तिरुपति नहीं जा सकते, वे अब यहां आकर भगवान बालाजी का आशीर्वाद ले सकते हैं और बिल्कुल उसी श्रद्धा, उसी शक्ति और उसी व्यवस्था के साथ. यह सिर्फ मूर्ति नहीं एक महा अभियान है. यह धर्म, सेवा और पर्यटन के अद्भुत संगम का प्रतीक है.

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